ऐ खुदा तेरे फरिश्तों को कुछ होश नहीं | ऐ खुदा तेरे फरिश्तों को कुछ होश नहीं |
वो खुशियों का तो हिसाब रखतें हैं,
लेकिन गम का नहीं |
उन्हें कह दो;उन्हें कह दो;
की गम बेहिसाब न दें,
वरना मैं भी एक दिन,
खुदा न बन जाऊं |
इस प्यासे मेघ से कभी-कभी शब्दों की बारिश होती है। उन्ही शब्दों को चुन-चुन कर इस प्याले मे लाया हूँ॥